सम्पूर्ण विश्व के भ्रामक-गलत और मिथ्या मान्यताओं की यथार्थ जानकारी सहित खण्डन और उनका सही समुचित मण्डन जिसे निष्पक्ष एवं तटस्थ भाव से पढ़ते ही आप सब सहज ही स्वीकार करने को मजबूर हो जायेंगे—ऐसे ‘ज्ञान’ – तत्त्वज्ञान वाले धर्म-ग्रन्थ श्रंखला की यह पुष्पिका एकमात्र भगवत् कृपा से आपके समक्ष प्रस्तुत है।